गौतम बुद्ध के जीवन के कई प्रेरक प्रसंग हैं, बुद्ध के जीवन का यह छोटा सा प्रसंग हमारे जीवन में एक नया परिवर्तन ला सकता है छोटी से कहानी है अंत तक ज़रूर पढ़े। और अपने दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें।

Gautam Buddha Story – भगवान बुद्ध की ये तीन कहानियाँ आपकी ज़िंदगी बदल देंगी

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यदि समस्या का समाधान किया जा सकता है तो चिंता क्यों करें? यदि समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता तो चिंता करना करने से आपको कोई फ़ायदा नहीं होगा।

गौतम बुद्ध

गौतम बुद्ध की कहानी – शान्त मन

एक समय की बात है गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ एक सफर पर थे। सफर में चलते-चलते बुद्ध को प्यास लगी तो उन्होंने अपने एक शिष्य से कहा कि जाओ जाकर मेरे लिए पीने का पानी लेकर आओ।

अब ऐसे में उस शिष्य ने आसपास देखा तो कहीं कोई पानी नहीं मिला। लेकिन थोड़ी और कोशिश करने के बाद उसे एक तालाब दिखता है।

वहां उसने देखा कि कुछ लोग उस तालाब में कपड़े धो रहे हैं और तभी वहाँ से एक बैलगाड़ी उस तालाब के ऊपर से गुजर जाता है। ऐसे में वहां का पूरा पानी गंदा हो गया। फिर उसने सोचा कि इस गंदे पानी को मैं बुद्ध भगवान के लिए कैसे लेकर जा सकता हूं?

और वह खाली हाथ ही वापस चला गया और उसने सारी बातें गौतम बुद्ध से जाकर बताई। बुद्ध भगवान ने कहा कि ठीक है कई बात नहीं, हम सब यहां इस पेड़ की छाया में बैठकर आराम करते हैं।

फिर कुछ समय तक आराम करने के बाद गौतम बुद्ध ने उसी शिष्य को फिर से पानी लाने को कहा। अब वह शिष्य वापस से उसी तालाब के पास गया। वहां जाकर उसने देखा कि वह पानी बिलकुल साफ था और पीने योग्य था। फिर वह जल्दी से पानी लेकर गया और बुद्ध भगवान को दिया।

पानी पीने के बाद बुद्ध भगवान ने सब को एक शिक्षा दी कि जिस तरह से तालाब के पानी में मिट्टी फैल गई थी और पानी गंदा हो गया था। लेकिन थोड़ी देर बाद मिट्टी नीचे बैठ गई और पानी साफ़ हो गया। उसी तरह से हमारा मन भी है, जब हमारा मन अशांत हो तब उसे थोड़ा समय देकर उसे शांत करना चाहिए।

अशांत मन से कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए। अशांत मन से लिया गया निर्णय हमसे हमारा ही नुक़सान करता है। बनने वाला काम भी बिगड़ जाता है, इसलिए हमसे मन को शांत रखना चाहिए।

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