गौतम बुद्ध के जीवन के कई प्रेरक प्रसंग हैं, बुद्ध के जीवन का यह छोटा सा प्रसंग हमारे जीवन में एक नया परिवर्तन ला सकता है छोटी से कहानी है अंत तक ज़रूर पढ़े। औ दोस्तों के साथ शेयर ज़रूर करें।
Gautam Buddha Story – भगवान बुद्ध की ये तीन कहानियाँ आपकी ज़िंदगी बदल देंगी
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है `क्रोध` इसलिए मनुष्य को अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए।
गौतम बुद्ध
गौतम बुद्ध की कहानी – बीता हुआ कल
एक समय बुद्ध भगवान किसी गाँव में उपदेश दे रहे थे कि “हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील तथा क्षमाशील होना चाहिए। क्रोध ऐसी आग है जिसमें क्रोध करनेवाला दूसरों को जलाता ही है तथा खुद भी जलता है।”
सभा में सभी शान्ति से बुद्ध की बातें सुन रहे थे, वहीं स्वभाव से अतिक्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी बैठा हुआ था जिसे ये सारी बातें बेतुकी लग रही थी । वह कुछ देर ये सब सुनता रहा फिर अचानक ही आग- बबूला होकर बोलने लगा, “तुम पाखंडी हो। बड़ी-बड़ी बाते करना यही तुम्हारा काम है, तुम लोगों को भ्रमित कर रहे हो। तुम्हारी ये बातें आज के समय में कोई मायने नहीं रखतीं”
ऐसे कई कटु वचन सुनकर भी बुद्ध शांत रहे। उसकी बातों से ना तो वह दुखी हुए, ना ही कोई प्रतिक्रिया की; यह देखकर वह व्यक्ति और भी क्रोधित हो गया और उसने बुद्ध के मुंह पर थूक कर वहाँ से चला गया।
अगले दिन जब उस व्यक्ति का क्रोध शांत हुआ तो वह अपने बुरे व्यवहार के कारण पछतावे करने लगा और वह बुद्ध भगवान को ढूंढते हुए उनके स्थान पर पहुंचा, लेकिन बुद्ध नहीं मिले वह अपने शिष्यों के साथ अन्य गाँव के लिए निकल चुके थे।
व्यक्ति ने बुद्ध के बारे में कई लोगों से पूछा और ढूंढते- ढूंढते वहीं पहुँच गया जहाँ बुद्ध प्रवचन दे रहे थे। उन्हें देखते ही वह उनके चरणों में गिर पड़ा और बोला, “मुझे क्षमा कीजिए प्रभु !”
बुद्ध ने पूछा : कौन हो भाई? तुम्हें क्या हुआ है ? क्यों क्षमा मांग रहे हो ?”
उसने कहा: “क्या आपने मुझे नहीं पहचाना… मैं वही हूँ जिसने कल आपके साथ बहुत बुरा व्यवहार किया था। मैं अपने कृत्य पर शर्मिन्दा हूँ। मैं मेरे दुष्ट आचरण की क्षमायाचना करने आपके पास आया हूँ।”
भगवान बुद्ध ने प्रेमपूर्वक कहा : “बीता हुआ कल तो मैं वहीं छोड़कर आ गया हूँ और तुम अभी भी वहीं अटके हुए हो। तुम्हें अपनी गलती का आभास हो गया, तुमने पश्चाताप कर लिया; तुम निर्मल हो चुके हो; अब तुम आज में प्रवेश करो। पुरानी बाते तथा बुरी घटनाएँ याद करते रहने से वर्तमान और भविष्य दोनों बिगड़ते जाते है। बीते हुए कल के कारण आज को मत बिगाड़ो।”
यह सुन उस व्यक्ति का सारा बोझ उतर गया। उसने भगवान बुद्ध के चरणों में पड़कर क्रोध त्याग दिया तथा क्षमाशीलता का संकल्प लिया; बुद्ध ने उसके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। उस दिन से उसमें बहुत से परिवर्तन आ गये, और उसके जीवन में सत्य, प्रेम व करुणा की धारा बहने लगी। और अपने क्रोध पर नियंत्रण पा लिया।
Gautam Buddha Story in Hindi | हर समस्या का समाधान आसान है।
बुद्ध की सीख- कई बार हम पिछले समय में की गयी गलतियों के बारे में सोच कर बार-बार दुखी होते और खुद को कोसते हैं। हमें ऐसा कभी नहीं करना चाहिए, गलती का बोध हो जाने पर हमे उसे कभी ना दोहराने का संकल्प लेना चाहिए और एक नयी ऊर्जा के साथ वर्तमान को सुदृढ़ बनाना चाहिए।